जी हां, आज नऊ सेना दिवस है। यह दिन भारतीय नऊ सेना के बीरता, पराक्रम और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। भारतीय नऊ सेना ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं, और यह दिन उन उपलब्धियों को याद करने का अवसर होता है। खासकर, 1971 के युद्ध में भारतीय नऊ सेना की भूमिका को याद किया जाता है, जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की थी। इस दिन नऊ सेना की वीरता, उनकी साहसिकता और देश की सुरक्षा में उनके योगदान को सराहा जाता है।
भारतीय नऊ सेना दिवस 2024 का थीम –
हर शाल भारतीय नाऊ सेना उनके रण निति के उदेस्य के अनुसार थीम का चयन करता है। अनुसार राक्ष्य और समुद्र में सुरख्या शामिल है। 2024 में भारतीय नाऊ सेना दिवस का थीम है “नवाचार और स्वदेशीकरण के माध्यम से ताकत और शक्ति”।
ओडिशा के पूरी में होगा समारोह अभ्यास –
नऊ सेना दिवस के दिन में आज पूरी ब्लू फ्लैग बीच में यह उत्त्सव पालन किया जायेगा। पूरी से सारा बिस्वा देखेगा नाऊ सेनाओं का पराक्रम। यह उत्त्सव में मुख्या अतिथि के रूप में “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू” योग दान देंगे। यह उत्त्सव पालन होने से नाऊ सेनाओं के पराक्रम देखने केलिए लोगों में उत्त्साह देखने को मिला है। आज के दिन केलिए नाऊ सेना ने एक हप्ते पहले ही रिहर्सल करना स्टार्ट कर दिए थे।
यह भब्य कार्यकर्म में राष्ट्रपति से साथ साथ 7500 और निमंत्रित अतिथि अपना योगदान देने वाले हैं। पूरी समुद्र और बेलाभूमि में 4 टैंक, 15 योध जहाज, 30 योध हेलीकाप्टर, 5 योध बिमान, 5 जीट इस उत्त्सव के दिन अपनी योध का प्रदसन करेंगे। पूरी के आसमान में पराक्रम दिखने वाले हैं नाऊ बीर।
भारतीय नऊ सेना दिवस इतिहास –
1971 दिसंबर 3 में भारत-पाकिस्तान में बोहत बड़ी योध हो गया था। पाकिस्तान सेनाओं ने भारत के सीमा में आक्रमण केलिए प्रयास किया था। इसका मुकाबिला में बीरत्य दिखाए थे भारतीय नऊ सेना। भरत के और से “ऑपरेशन ट्राइडेंट” के जरिये से पाकिस्तान नऊ सेना के ऊपर अटैक किये थे। इसमें पाकिस्तान के कुछ जहाज और आयल डिपो पूरी तरह नस्ट हो गया था। इसमें 720 पाकिस्तानी नऊ सेना मारे गए थे। और अंत में पाकिस्तान नऊ सेना भारत के आगे आत्मसमर्पण किये थे। भारत के नऊ सेना की यह बड़ी बिजय को याद रखने केलिए हर शाल दिसंबर 4 तारीख को भारतीय नऊ सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।