Santh Siyaram Baba Passes Away: संत Siyaram Baba की निधन हो गया है। बुधबार, 11 दिसंबर 2024 के सुभे 6:00 से लेके 6:30 के बीच मोक्ष एकादशी के दिन, मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भट्यान गांव स्थित नर्मदा किनारे उनके आश्रम में उनका निधन हो गया है। उनके स्वस्थ संबधित समस्यां थी लगातार 10 दिन हो उनका इनडोर के मेडिकल में इलाज चल रहा था। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाबा से मिलने के लिए आज शाम चार बजे आने वाले थे
संत Siyaram Baba का आश्रम मध्य प्रदेश में खरगोन जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर भट्यान गांव में नर्मदा किनारे स्थित है। भक्तों ने बताये की संत सियाराम बाबा ने मंदिरों और धर्मशाला केलिए करोड़ो रुपया दान कर दिए हैं। लेकिन भक्तों का कहना यह भी है की बाबा ने किसी भी श्रद्धालु से 10 रुपया से ज़्यादा नहीं लेते थे। जो भी ज़्यादा देते था 10 रुपया रख के बाकि सब बापस कर देते थे।
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Siyaram Baba कब अये थे आश्रम
संत बाबा ने अपने सरीर पर छोटा सा एक कपडा पहनते थे। जितनी भी गमी हो या ठंडी उनको कुछ भी फरक नहीं पड़ता वो हमेसा लंगोट के अलावा और कुछ नहीं पेहेनते थे। ऐसा बताया जाता है की बाबा 1955 में अये थे उनका स्वभाब देख के गाओं वाले उनके लिए एक छोटा सा कमरा बना दिए थे लेकिन बाबा उसके बाद भी उनका आश्रम जो नर्मदा आश्रम के पास रहते थे।
साधारण से से दिखने वाले और साधारण से घर में रहे वाले बाबा को मिलने केलिए और दर्शन केलिए सिर्फ मध्य प्रदेश से ही नहीं महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से भी श्रद्धालु एते थे। रोज हजारो श्रद्धालु बाबा के दर्शन केलिए और आश्रिबाद लेने केलिए आते थे इसके लिए वहा के अस पास के जगहों में हमेसा मेला लगा हुआ रहता था।
रोज 21 घंटे पढ़ते थे रामायण
भगवन राम के भक्ति में लीन सियाराम बाबा रोज 21 घंटे रामायण पड़ते थे। उनकी उम्र 100 शाल हो गया था फिर भी वो रामायण बिना चश्मे के पढ़ लेते थे। राम भक्ति की ऐसी अद्भुत चमत्कार को देख कर श्रद्धालु रोज एते थे और बाबा के दर्शन पाके जाते थे।